प्रवेश सम्बन्धी नियम
- प्रवेशार्थियों को निर्धारित छात्र संख्या (उपलब्ध्ध सीटों) के अन्दर ही प्रवेश दिया जा सकेगा।
- महाविद्यालय बिना कारण बताये किसी भी प्रार्थी का प्रवेश की मांग नहीं कर सकता है चाहे वह प्रवेश के लिए हर प्रकार से योग्य क्यों न हो।
- प्रथमतः महाविद्यालय में सभी प्रार्थियों को प्रवेश अस्थायी होगा प्रवेश की तिथि से चार माह के अन्दर कभी भी निरस्त किया जा सकेगा। कोई भी संस्थागत छात्र/छात्रा से सम्बन्धित सत्र 30 जून तक ही बोनाफाईड विद्यार्थी माना जायेगा।
- सूचना पट्ट से प्रवेश सम्बन्धित सूचना प्राप्त करने का पूर्ण उत्तरदायित्व प्रवेशार्थी का होगा।
- प्रवेश हेतु चयन के सम्बन्ध में महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा नियुक्त प्रवेश समिति का निर्णय अन्तिम व सर्वमान्य होगा।
- वह छात्र जो अनुचित साधन के प्रयोग में दण्डित हुआ अथवा विश्वविद्यालय में उसका नाम काली सूची में है अथवा किसी फौजदारी अदालत में मुकदमा विचाराधान है अथवा जिनका गत वर्ष प्रवेश आवेदन-पत्र अनुशासनात्मक कार्यवाही के अन्तर्गत निरस्त कर दिया है, उनका भी प्रवेश नहीं हो सकेगा। यदि वास्तविकता को छिपाकर छात्र प्रवेश ले लिया है और प्रशासन के संज्ञान में वास्तविकता आ गया है तो ऐसे छात्र का प्रवेश भी निरस्त कर दिया जायेगा।
- कोई भी छात्र किसी एक कक्षा में एक वर्ष(सत्र) तक ही संस्थागत के रूप मे अध्ययन कर सकता है।
- किसी भी समय असत्य विवरण देने पर या अमर्यादित अव्यवहार करने पर छात्र को महाविद्यालय से निष्कासित किया जा सकता है।
- अनुसूचित जाति/जनजाति अथवा पिछड़ा वर्ग के छात्र के छात्र/छात्राओं को प्रवेश में आरक्षण उ.प्र. शासन/दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के नियमानुसार लागू होगा।
- प्रवेश आवेदन पत्र के साथ निम्नांकित प्रपत्रों को अवश्य संलग्न किया जाये -
- 1. हाईस्कूल अंकतालिका एवं सनद की छायाप्रतियां।
- 2. इण्टरमीडिएट अंकतालिका एंव सनद की छायाप्रतियां।
- 3. आचरण प्रमाण-पत्र की मूल प्रति जो छः माह से अधिक का न हो।
- 4. अनूसूचति जाति/जनजाति एंव पिछड़े वर्ग के छात्र होने पर जाति प्रमाण-पत्र की छायाप्रति।
- 5. अन्तिम संस्था का स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र अथवा माइग्रेशन प्रमाण-पत्र की मूलप्रति।
- 6. आवेदन पत्र पर निर्धारित स्थान पर पासपोर्ट आकार का एक फोटो आवेदन पत्र के साथ संलग्न किया जाना चाहिए।
नोट: उक्त नियमों को परिवर्तन करने का अधिकार प्राचार्य के पास सुरक्षित है।
उपस्थिति- विश्वविद्यालय के नियमानुसार परीक्षा में बैठने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।